मुझे वहां ले चलो...
मुझे वहां ले चलो
जहाँ हवाएं अपनी सी थी।
जहाँ की घास ठंडी सी थी।
जहाँ सूरज की रोशनी चुभती न थी।
जहाँ वृक्षों की छाँव में घुटन न थी।
जहाँ इमारतें बाहें फैलाती थी।
जहाँ हर सड़क दिल को छूकर जाती थी।
जहाँ हर फूल मुस्कुराता था.
जहाँ सब मेरे आपे में था।
मुझे वहां ले चलो
जहाँ कोई भी गैर, पराया न था।
3 comments:
mujhe bhi wahan le chalo!!! ;)
really really nice :)
twinnie! this is brilliant! not only can you write in hindi, you can rhyme in hindi!
yo girl!!! read it just now... even tho adi had told me..its just superb.
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